भारत में हम प्रतिवर्ष 15 सितम्बर को “अभियंता दिवस” मनाते हैं जो प्रसिद्ध अभियंता और प्रशासक, भारतरत्न श्री मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया का जन्म दिन है । यह प्रथा इंस्टिट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स (भारत) ने इनके उत्कृष्ट कार्यों के स्मरण के उद्देश्य से वर्ष 1968 से प्रारंभ की और इस प्रकार 2020में मनाया जाने वाला 53 वाँ “अभियंता दिवस” होगा । पूरा लेख आगे पढ़िये।
बाल्यकाल –
प्रसिद्ध अभियंता और प्रशासक, भारतरत्न श्री मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया का जन्म 15 सितम्बर, 1860 को तत्कालीन मैसूर (अब तमिलनाडु) राज्य के बैंगलौर शहर से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित कोलार ज़िले के मुड्डनहल्ली गाँव में एक तेलगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था । इनके पिता का नाम मोक्षगुंडम श्रीनिवास शास्त्री और माँ का नाम वैंकटलक्ष्म्मा था । श्री श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत के विद्वान थे । असल में दक्षिण भारत में नाम के साथ अपने मूल गाँव का नाम लगाने का भी प्रचलन है और “मोक्षगुंडम” भी आन्ध्र प्रदेश के प्रकासम् ज़िले (Prakasam District) की कुंबम तहसील (Cumbum Tahasil) के एक गाँव का नाम है जहाँ से श्री विश्वैश्वरैया के पुरखे कर्नाटक राज्य के मुड्डनहल्ली गाँव में आ बसे थे ।
शिक्षा –
इनकी प्रारंभिक शिक्षा कन्नड़ माध्यम के चिकबलपुर (Chikballapur) गाँव के प्राथमिक स्कूल में हुई और हाईस्कूल शिक्षा बैंगलौर में हुई । इन्होंने बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री सैंट्रल कॉलेज, बैंगलौर से 1881 में अर्जित की जो मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध था । प्रतिभाशाली होने से इन्हें छात्रवृति स्वीकृत हो गई और इन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, पूना से अर्जित की जो उस समय का एक नामी इंजीनियरिंग कॉलेज था । इस परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के फलस्वरूप इन्हें जेम्स बर्कले स्वर्ण पदक प्रदान किया गया ।
आजीविका –
इंजीनियरिंग की शिक्षा पूर्ण होने पर 1894 में श्री विश्वैश्वरैया ने तत्कालीन बंबई राज्य के लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के पर अपनी सेवाएं प्रारंभ कीं जिसमें इनका पदस्थापन नासिक, खंडेश व पूना में रहा । इसके बीच इनकी प्रतिनियुक्ति 1894 में तत्कालीन सिंध प्रांत की सक्कर नगरपालिका (अब पाकिस्तान में) में हो गई जहाँ पर इन्होंने नगर की पेचजल योजना का क्रियान्वन किया । 1896 में आप सूरत में अधिशासी अभियंता के पद पर नियुक्त हुए और 1897 से 99 तक पूना में सहायक अधीक्षण अभियंता रहे । 1898 में चीन व जापान की यात्रा की । 1901 में आप बंबई नगर के सेनिटरी बोर्ड में मेम्बर के पद पर पदस्थापित हुए। 1904 में शिमला इरीगेशन कमीशन में बंबई सरकार का प्रतिनिधित्व किया । 1908 में आपने तुर्की, अमरीका, कनाडा व रूस की यात्रा की । 1909 में आपने सरकारी (ब्रिटिश) नौकरी छोड़ दी और हैदराबाद राज्य के विशेष सलाहकार बने फिर इसी साल मैसूर राज्य ने इन्हें सचिव एवं मुख्य अभियंता के पद पर नियुक्ति दी और 1913 में मैसूर के निज़ाम ने इन्हें राज्य के दीवान (प्रधान मंत्री) के पर पर नियुक्त कर दिया । इस पद पर इन्होंने 7 साल तक कार्य किया । इसके बाद कई पद इन्होंने संभाले और कई मामलों में सलाहकार रहे । 12 अप्रेल,1962 को आपका 102 साल की आयु में स्वर्गवास हुआ । आपका एक स्मारक इनकी जन्म स्थली मुड्डनहल्ली गाँव में बना हुआ है ।
प्रमुख योगदान –
1) ऑटोमैटिक फ़्लड गेट की डिजाइन जो बढ़ते जल प्रवाह के साथ स्वतः ही अधिक खुल जाते थे और घटते जल प्रवाह के साथ स्वतः ही कम खुलते हुए बंद हो जाते थे । सबसे पहले इन्हें पूना स्थित खड़कवासला बाँध पर लगाया गया था ।
2) पानी की बचत व दक्ष सिंचाई के लिये ब्लॉक सिस्टम की प्रणाली का उपयोग किया ।
3) सक्कर शहर की पेयजल योजना बनाई
4) हैदराबाद नगर को मूसा नदी की बाढ़ से बचाने की सफ़ल योजना बनाई ।
5) कावेरी नदी पर कृष्णराज सागर बाँध परियोजना की परिकल्पना से उद्घाटन होने तक प्रभारी रहे ।
6) विशाखापट्टनम् बंदरगाह को समुद्री लहरों से होने वाले कटाव से बचाने की योजना बनाई ।
7) मैसूर सोप फेक्ट्री, मैसूर आयरन एंड स्टील वर्क्स, भद्रावती, बैंगलौर कृषी विश्वविद्यालय, स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, मैसूर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स, आदि की स्थापना में प्रमुख योगदान किया।
8) तिरुमाला से तिरुपति तक की सड़क निर्माण की योजना बनाई
9) इंजीनियरिंग कॉलेज बैगलौर की स्थापना
सम्मान व पदक –
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नाइट कमांडर ऑफ दि ऑफ़ इंडियन एम्पायर (Knight Commander of the Indian Empire (KCIE) byKing George V) – 1911
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इंटरनेशनल इंस्टीट्युशन ऑफ़ सिविल इंजीनियर्स, लंदन की मानद सदस्यता
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इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बैंगलौर की फेलोशिप
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भारत के आठ विश्वव्द्यालयों से मानद डॉक्टरेट उपाधि
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भारत रत्न – 1955
अधिक जानकारी –
- //en.wikipedia.org/wiki/Visvesvaraya
- //tatabuildingindia.com/New-Site/index.php/inspiring-indians-vishweshwaraiah
- //www.karnataka.com/personalities/visvesvaraya/