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Category Archives: हिंदी प्रभाग (Hindi Section)
स्थानीय विकास में जन भागीदारी सुनिश्चित कैसे हो ?
स्थानीय विकास की परियोजनाएं कम से कम लागत में अपने लक्ष्य को प्राप्त करें, पूर्व निर्धारित अवधि में पूरी हों, चाहे गए परिणाम दें, दीर्घकाल तक उपयोगी रहें, संचालन सुगम हो इनके कुप्रभाव न्यूनतम हों इसके लिये इनकी परिकल्पना से … Continue reading
Posted in अपना उदयपुर, नगरीय विकास, विकास योजनाएं, हिंदी प्रभाग (Hindi Section)
Tagged अपना उदयपुर, उदयपुर, क्लीवलैंड, जन भागीदारी, विकास, विकास कार्य
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दुबई में लग रहे नीम और बड़, हम लगा रहे खजूर
दुबई में नीम, पीपल और बरगद जैसे वृक्ष लगाने को प्राथमिकता दी जा रही है जबकि यहाँ भारत में हम आधुनिकता या फैशन के नाम पर खजूर के वृक्ष लगाने लगे हैं। नीम, पीपल और बरगद जैसे वृक्ष घने … Continue reading
Posted in जल प्रबंधन, पर्यावरण, हिंदी प्रभाग (Hindi Section)
Tagged अलवणीकरण, कृतिम झीलें, खजूर, झील, झीलें, ड्रिप इरिगेशन, दुबई, नीम, पीपल, बड़, वर्षा, हरित क्षेत्र
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आवश्यक है विकास कार्यों में लागत नियंत्रण और घोषित लाभों के लिये सजगता
सामान्यतः विकास कार्यों के प्रस्ताव किसी जन समस्या के निदान के लिये बनाए जाते हैं और इनका उद्देश्य प्रासंगिक समस्या का निदान करना होता है। देखा यह जा रहा है कि विकास कार्यों के प्रस्ताव बनाते समय लागत नियंत्रण पर … Continue reading
Posted in अपना उदयपुर, जल प्रबंधन, नगरीय विकास, विकास योजनाएं, हिंदी प्रभाग (Hindi Section)
Tagged उदयपुर, जन समस्या, जबाबदेही, देवास योजना, लागत नियंत्रण, विकास कार्य
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हिंदी को भाषा के बजाय एक बोली बनाने का कुप्रयास
हिंदी दिवस 2012 पर विशेष -ज्ञान प्रकाश सोनी 14 सितंबर 1947 को स्वाधीन भारत की संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी । इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने … Continue reading
Posted in हिंदी गरिमा
Tagged राज भाषा, राष्ट्रभाषा, हिंदी गरिमा, हिंदी दिवस, हिंदी भाषा
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भारत में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई
किसी भी राष्ट्र की स्थिरता, प्रभुसत्ता, चिरायु प्रगति, आपसी सद्भावना आदि के लिये यह आवश्यक है कि वहाँ के नागरिकों के अमीर और गरीब तबके के आर्थिक आधार में फ़र्क कम हो। अमीर और गरीब तबके के बीच अंतर सभी … Continue reading
Posted in विविध
Tagged अमीर, अमीरी, आर्थिक असमानता, गरीब, गरीबी, गरीबी रेखा, जीवनयापन
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मँहगाई की मार से दम तोड़ता न्यायालय की अवमानना का कानून
भारत में मँहगाई लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन अधिकतर कानूनों में जिन ज़ुर्मानों का प्रावधान है वे जिस साल बने थे तब से वहाँ के वहाँ ही हैं और इस कारण कई कानून लगभग प्रभावहीन होते जा रहे हैं … Continue reading
Posted in नगरीय विकास, न्याय व्यवस्था, पर्यावरण
Tagged अवमानना कानून, गरिमा, न्याय व्यवस्था, न्यायालय, न्यायालय की अवमानना
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सत्यमेव जयते की वैब साइट का हिंदी प्रभाग – क्या यही भविष्य की हिंदी है ?
पिछले कुछ दिनों से श्री आमिर खान के टेलिविजन धारावाहिक – "सत्यमेव जयते" के विभिन्न सोपानों (episodes) का प्रसारण हुआ जिसकी सारे देश में प्रशंसा हुई क्योंकि जो मुद्दे उठाए गए वे सभी बहुत प्रासंगिक हैं और कड़ी मेहनत के … Continue reading
Posted in हिंदी गरिमा
Tagged खिलवाड़, ट्रांसलिटरेशन, ट्रांसलिट्रेशन, यांत्रिक अनुवाद, सत्यमेव जयते, हिंदी गरिमा, हिंदी भाषा
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सीएफ़एल (CFL) बल्ब और ट्यूब – सोच कर लगाएँ और खतरों से रहें सावधान
-ज्ञान प्रकाश सोनी बिजली की कमी और इसकी बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए बिजली की बचत के लिये सीएफ़एल बल्ब और ट्यूब लगाना समय की आवश्यकता है इसलिये इन्हें लगाएं ज़रूर पर इसके साथ ही इसके ख़तरों से … Continue reading
Posted in घरेलू नुस्के, पर्यावरण, विविध, स्वास्थ्य
Tagged CFL, ऊर्जा, ऊर्जा बचत, एनर्जी सेविंग, कार्बन उत्सर्जन, पर्यावरण, पर्यावरण संरक्षण, पुन:च्रक्रण, बिजली, बिजली बचत, सी एफ एल, सी एफ़ एल, सीएफएल, सीएफ़एल, सीएफएल की हानियाँ
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एनिकटों के निर्माण के प्रति सजगता की आवश्यकता
– डी. डी. देराश्री राजस्थान राज्य में सिंचाई विभाग, वन विभाग, भू-संरक्षण विभाग, ज़िला परिषदों, पंचायतों आदि द्वारा सतही जल के संरक्षण (वॉटर हारवेस्टिंग) हेतु एनिकट बनाये जाते हैं। देखने में यह आया है कि इनके अनियोजित निर्माण से कई … Continue reading