(मेवाड़ी भाषा में जल बचत पर एक लेख)
आजकल हम लोग ग्लासों को मुँह से लगा कर पानी पीते हैं जबकि पहले ग्लास को बिना झूठा किये पानी पीने का रिवाज़ रहा है। मेवाड़ी भाषा के इस लेख में यह अनुमान निकाला गया है कि यदि पाँच लाख की आबादी के किसी शहर के आधे लोग ग्लास को झूठा किये बिना ऊँचे से पानी पीने का संकल्प करें तो प्रतिवर्ष अनुमानत:11 करोड़ लिटर पानी की बरबादी रुक सकती है। यदि सभी लोग ऐसा करने लगें तो कितना पानी बच सकता है यह विचारणीय है। पूरा लेख नीचे प्रस्तुत है।